Rajasthan News : राजस्थान में बनने वाले नए जिले हुए रद्द, बिजनेसमैनों ने किया विरोध

Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने हाल ही में 9 जिलों और 3 संभागों को रद्द करने का फैसला लिया है, जिससे इन्वेस्टमेंट और रोजगार के नए अवसर खतरे में पड़ गए हैं। इन जिलों में दो महीने पहले ही इन्वेस्टमेंट मीट आयोजित की गई थी, जिसमें कई एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इन एमओयू के तहत इन्वेस्टर्स ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इस फैसले से निवेशकों का उत्साह कम हो गया है।
इन्वेस्टमेंट मीट और रद्द जिलों का असर
राजस्थान के इन 9 रद्द जिलों में नीमकाथाना और अनूपगढ़ जैसे महत्वपूर्ण जिले थे, जहां कई प्रमुख निवेशक अपना निवेश करने की योजना बना चुके थे। इन जिलों में आयोजित इन्वेस्टमेंट मीट के दौरान एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन अब इन जिलों के रद्द होने के बाद निवेशकों में असमंजस की स्थिति बन गई है।
निवेशक अब इस स्थिति में हैं, जहां उन्हें यह समझने में कठिनाई हो रही है कि वे अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाएं या नहीं। कई निवेशकों ने एमओयू साइन करते वक्त सोचा था कि राजस्थान सरकार उन्हें आवश्यक सुविधाएं जैसे भूमि, कनेक्टिविटी, और प्रशासनिक मदद प्रदान करेगी, लेकिन अब जिला रद्द होने के बाद इस प्रक्रिया में असमंजस उत्पन्न हो गया है।
नीमकाथाना के कारोबारी दौलतराम गोयल ने कहा कि जिले के रद्द होने से लोगों का उत्साह मंद हो गया है। उन्होंने बताया कि एमओयू साइन के दौरान 73 कारोबारियों ने राज्य सरकार के मंत्री के सामने सहमति जताई थी, लेकिन अब इस फैसले के बाद कई इन्वेस्टर्स पीछे हट सकते हैं।
अनूपगढ़ में पवन नागपाल ने कहा कि उन्होंने सोलर प्रोजेक्ट में एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब जिला हटने के कारण उन्हें भूमि आवंटन में समस्या आ रही है। उनका कहना है कि पहले गंगानगर प्रशासन के पास काम का दबाव था, और अब इसे और बढ़ा दिया जाएगा।
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी केएल मीणा का कहना है कि उद्योगों के लिए कनेक्टिविटी और सस्ता परिवहन सबसे महत्वपूर्ण चीजें होती हैं। यदि निवेशक जिले में निवेश करने की योजना बनाते हैं तो उन्हें उम्मीद होती है कि जिले में सभी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, पानी और प्रशासनिक कार्यालय होंगे। अब जब जिले रद्द कर दिए गए हैं, तो निवेशकों का विश्वास कमजोर हो गया है।
राजस्थान में राइजिंग राजस्थान जैसे इन्वेस्टमेंट समिट्स का उद्देश्य प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। जयपुर, जोधपुर और दूदू जिलों की इन्वेस्टमेंट मीट में 45,000 करोड़ रुपये के 263 निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इन प्रस्तावों के जरिए 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने का दावा किया गया था।
जोधपुर और जोधपुर ग्रामीण में 17,350 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इन एमओयू में सीमेंट प्लांट और अन्य उद्योगों का निवेश शामिल था, जिससे 57,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना थी।