पेपर लीक राजस्थान पुलिस ने 28 आरोपी किए गिरफ्तार, देखें पूरा मामला
Rajatshan News : राजस्थान पुलिस के स्पेशल एडीजी एटीएस और एसओजी वीके सिंह ने यह जानकारी दी उन्होंने बताया कि एसओजी की टीमों ने जयपुर, जोधपुर, सीकर, बीकानेर, चूरू, नागौर और हनुमानगढ़ जिलों में छापेमारी की।
हिरासत में लिए गए लोगों में आधा दर्जन से अधिक सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। यह कार्रवाई पिछले साल 14 मई को राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा आयोजित राजस्व अधिकारी ग्रेड II और कार्यकारी अधिकारी वर्ग- IV (स्थानीय स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में अनियमितताओं के संबंध में की गई थी। आरपीएससी ने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की सूची जारी की थी तथा 11 से 13 दिसंबर 2023 तक काउंसलिंग के माध्यम से अभ्यर्थियों की पात्रता जांच की थी।
आरपीएससी द्वारा कुछ गंभीर टिप्पणियां पाई गई थीं, जिसके बाद संदिग्ध अभ्यर्थियों को दोबारा सत्यापन के लिए बुलाया गया था। पाया गया कि नागौर जिले के खजवाना गांव के ही छह अभ्यर्थी सूची में थे तथा उन्हें सामान्य प्रकृति का ज्ञान या जानकारी नहीं थी। इसके बाद आरपीएससी ने गोपनीय रिपोर्ट तैयार कर जांच के लिए एसओजी को भेजी थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीजी एसओजी ने एक टीम गठित की। टीम ने आयोग की रिपोर्ट का तकनीकी विश्लेषण और फील्ड सत्यापन किया तथा पेपर लीक करने वाले संदिग्ध गिरोह के बारे में गोपनीय जानकारी प्राप्त की।
जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि तुलछाराम कालेर नामक व्यक्ति और उसके अन्य साथियों ने मिलकर परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त किया तथा अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ के माध्यम से नकल कराई। उन्होंने बताया कि इस मामले में पेपर लीक करने और ब्लूटूथ के इस्तेमाल की साजिश में शामिल 12 अभ्यर्थियों सहित कुल 28 संदिग्धों को शनिवार को हिरासत में लिया गया है।
ब्लूटूथ गिरोह के सरगना तुलछाराम कालेर के भतीजे की पत्नी भावना गोस्वामी भी हिरासत में लिए गए लोगों में शामिल है। गिरफ्तार संदिग्धों से प्राथमिक जांच में अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी अनियमितता के तथ्य सामने आए हैं। आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध सरकारी कर्मचारी हैं। मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है।