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राजस्थान पुलिस ने जेल से धमकी देने वालों को खोज डाला!सलाखों के पीछे से कैसे चल रही गैंग? जानें पूरी कहानी 

राजस्थान की जेलों में गैंगस्टर और अन्य खतरनाक अपराधी सलाखों के पीछे रहते हुए भी अपराध की दुनिया में सक्रिय रहते हैं। इन बदमाशों का मुख्य उद्देश्य रंगदारी वसूलना और बड़े कारोबारियों से पैसे जुटाना है। पुलिस की कई छापेमारी अभियानों के बाद यह खुलासा हुआ है कि जेलों में बंद इन अपराधियों तक मोबाइल फोन और सिम कार्ड पहुंचाने का नेटवर्क काफी मजबूत है।
 
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Jaipur News: राजस्थान की जेलों में गैंगस्टर और अन्य खतरनाक अपराधी सलाखों के पीछे रहते हुए भी अपराध की दुनिया में सक्रिय रहते हैं। इन बदमाशों का मुख्य उद्देश्य रंगदारी वसूलना और बड़े कारोबारियों से पैसे जुटाना है। पुलिस की कई छापेमारी अभियानों के बाद यह खुलासा हुआ है कि जेलों में बंद इन अपराधियों तक मोबाइल फोन और सिम कार्ड पहुंचाने का नेटवर्क काफी मजबूत है।

राजस्थान में गिरफ्तार किए गए बदमाश

हाल ही में जयपुर पुलिस ने चित्रकूट, वैशाली नगर, और हरमाड़ा थाना क्षेत्रों से 44 बदमाशों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों पर आरोप था कि ये जेल में बंद अपराधियों तक मोबाइल फोन और सिम कार्ड पहुंचाते थे और बदले में उनसे रंगदारी वसूलने के लिए धमकियां दी जाती थीं। इस नेटवर्क की पहचान डीसीपी अमित कुमार बुढानिया के नेतृत्व में की गई थी, जो जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में काम कर रहे हैं।

अपराधी गैंग का खुलासा

इस नेटवर्क के पर्दाफाश के बाद पुलिस ने अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद अपराधियों का पता लगाया। इसमें सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड से जुड़े बदमाशों का नाम सामने आया। इन बदमाशों ने जेल से बाहर कई कारोबारियों को धमकी देने के लिए गैंग चला रहे थे। इसमें से कुछ गैंग्स के निशाने पर जयपुर और शेखावाटी अंचल के प्रॉपर्टी और शराब कारोबारी थे।

लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा का कनेक्शन

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, यह गैंग लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा की गैंग से भी जुड़े हुए थे। जेल के भीतर से अपराधी इन गैंग्स के इशारे पर कारोबारियों को धमकियाँ दे रहे थे और उनसे रंगदारी मांग रहे थे। यह भी साफ हुआ कि इन गैंग्स के नेटवर्क में काम करने वाले लोग जेल के कर्मचारियों और बाहरी एजेंट्स के रूप में काम कर रहे थे।

जेल में मोबाइल फोन और सिम कार्ड पर रोक लगाना चुनौती

हालांकि पुलिस ने कई बदमाशों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन जेलों से मोबाइल फोन के माध्यम से धमकियां देना अब भी पुलिस और जेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। पुलिस द्वारा की गई छापेमारी और सर्च ऑपरेशन्स के बावजूद, अपराधियों के पास मोबाइल फोन और सिम कार्ड पहुंचाने का तरीका अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हो सका है।