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राजस्थान की नई आबकारी नीति 2025-2029 जारी, इन लोगों को होगा बड़ा फायदा, जानें 
 

राजस्थान सरकार ने हाल ही में अपनी नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2029 तक लागू होगी। इस नई नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में शराब के व्यवसाय को सुव्यवस्थित करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और कर संग्रहण में सुधार करना है। सबसे खास बात यह है कि पहली बार चार साल के लिए एक साथ नीति जारी की गई है, जिससे नीति में निरंतरता बनी रहेगी।
 
Rajasthan News

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने हाल ही में अपनी नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2029 तक लागू होगी। इस नई नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में शराब के व्यवसाय को सुव्यवस्थित करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और कर संग्रहण में सुधार करना है। सबसे खास बात यह है कि पहली बार चार साल के लिए एक साथ नीति जारी की गई है, जिससे नीति में निरंतरता बनी रहेगी।

नई आबकारी नीति के प्रमुख प्रावधान

नीति की अवधि और गारंटी राशि का प्रावधान:

यह नीति 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2029 तक लागू होगी।हर वर्ष गारंटी राशि में 10 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान है, जिससे राज्य को अधिक राजस्व मिलेगा।

दुकानों की संख्या और नवीनीकरण प्रक्रिया:

राज्य में दुकानों की संख्या 7665 यथावत रखी गई है। मौजूदा दुकान संचालकों को नवीनीकरण का अवसर मिलेगा। शेष दुकानों की नीलामी ई-बिड के माध्यम से की जाएगी।

होटल और बार संचालकों के लिए राहत:

होटल और बार संचालकों को बड़ी राहत देते हुए न्यूनतम कमरों की संख्या 20 से घटाकर 10 कर दी गई है। एयरपोर्ट पर भी बार खोलने की अनुमति दी गई है।

मदिरा की मात्रा और मूल्य में बदलाव:

मदिरा की मात्रा को नियंत्रित रखने का प्रावधान है। देशी शराब और राजस्थान निर्मित शराब के लिए कीमत में 4 प्रतिशत और पव्वों की कीमत में 5 रूपए तक वृद्धि की जा सकेगी।

आबकारी ड्यूटी की नई श्रेणियाँ:

देशी शराब के लिए 9 स्लैब आधारित आबकारी ड्यूटी की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। अब केवल दो श्रेणियाँ होंगी। बीयर के लिए भी दो श्रेणियाँ निर्धारित की गई हैं: माइल्ड बीयर और स्ट्रांग बीयर।

ऑनलाइन प्रक्रिया और रोजगार के अवसर:

सभी प्रकार की अनुमति, लाइसेंस और परमिट की ऑनलाइंन ऑटो अप्रूवल व्यवस्था की जाएगी। इथेनॉल उत्पादन इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए लाइसेंस फीस कम कर दी गई है (5 से 8 लाख रूपए सालाना)।

नीति का उद्देश्य:

राजस्थान की इस नई आबकारी नीति का उद्देश्य राज्य में शराब के व्यवसाय को अधिक व्यवस्थित बनाना और इससे उत्पन्न होने वाले राजस्व में वृद्धि करना है। नीति में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है, जिससे राज्य के बेरोजगार युवाओं को अधिक अवसर मिल सकेंगे।

राजस्व में वृद्धि:

गारंटी राशि में सालाना वृद्धि से राज्य को स्थिर और बढ़ता हुआ राजस्व प्राप्त होगा। शराब की कीमतों में मामूली वृद्धि और आबकारी ड्यूटी के नए स्लैब से भी अतिरिक्त आय की उम्मीद है। यह नीति न केवल राज्य के राजस्व में वृद्धि करेगी, बल्कि रोजगार के अवसरों के निर्माण में भी मदद करेगी, जिससे राज्य के युवा वर्ग को फायदा होगा।