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राजस्थान की नई आबकारी नीति, छोटे होटल्स के लिए राहत और अवैध शराब पर काबू, अधिक जानें 

राजस्थान सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री को लेकर नई आबकारी नीति जारी की है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इस नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनसे राज्य में शराब बिक्री के तरीके और पर्यटन शहरों में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
 
Rajasthan News

Rajasthan: राजस्थान सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री को लेकर नई आबकारी नीति जारी की है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इस नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनसे राज्य में शराब बिक्री के तरीके और पर्यटन शहरों में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।

नई आबकारी नीति का उद्देश्य अवैध शराब की बिक्री पर नियंत्रण लगाना और राजस्व में वृद्धि करना है। अब छोटे होटल्स और रेस्टोरेंट्स को भी शराब बेचने का लाइसेंस मिल सकेगा, जिससे अवैध व्यापार पर लगाम लगेगी और पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।

लाइसेंस प्राप्त करना होगा आसान

अब शराब बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना पहले से कहीं अधिक आसान होगा। इससे छोटे होटल्स और रेस्टोरेंट्स को शराब बेचने की अनुमति मिलेगी, जो पहले अवैध रूप से शराब बेच रहे थे।

होटल्स के लिए न्यूनतम कमरों की संख्या में बदलाव

पहले होटल्स के लिए न्यूनतम 20 कमरों का नियम था, लेकिन अब इसे घटाकर 10 कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब छोटे होटल्स भी शराब बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे। इससे अवैध शराब की बिक्री में कमी आएगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।

पर्यटन शहरों पर विशेष ध्यान

नई नीति में पर्यटन शहरों के होटल्स और रेस्टोरेंट्स को विशेष राहत दी गई है। छोटे होटल्स और रेस्टोरेंट्स को अब लाइसेंस प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे पर्यटन क्षेत्र को नया जीवन मिलेगा।

अवैध शराब की बिक्री पर असर

राजस्थान में लंबे समय से अवैध शराब की बिक्री एक बड़ी समस्या रही है। नई आबकारी नीति के तहत छोटे होटल्स और रेस्टोरेंट्स को शराब बेचने के लिए लाइसेंस मिलने से यह समस्या कम हो सकती है। अब इन व्यवसायों को लाइसेंस मिल सकेगा, जिससे वे कानूनी तरीके से शराब बेचेंगे और अवैध व्यापार पर काबू पाया जा सकेगा।

सरकार के राजस्व पर प्रभाव

नई आबकारी नीति से राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होने की संभावना है। क्योंकि छोटे होटल्स और रेस्टोरेंट्स जो पहले अवैध रूप से शराब बेच रहे थे, अब वे कानूनी रूप से शराब बेच सकेंगे, और इसके बदले सरकार को लाइसेंस शुल्क और अन्य करों के रूप में राजस्व मिलेगा।