Khelorajasthan

कैंपस प्लेसमेंट के पहले ही राउंड में हुए इतने स्टूडेंट्स बाहर, जानें दूसरे राउंड की तिथि 

इंजीनियरिंग के सातवें सेमेस्टर में जब कैंपस प्लेसमैंट का दौर आया, तो सभी की निगाहें थीं बड़ी कंपनियों पर अब सोचिए, जिस लड़के ने अपनी पहली जॉब के सपने देखे थे, वो पहले ही राउंड में बाहर हो गया।  दोस्तों और परिवार से ताने सुनना तो जैसे तय था। लेकिन अक्षत की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अक्षत ने बताया- कैंपस में मिली इस नाकामी ने उन्हें झकझोर दिया था, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी मां से मोटिवेशन लिया। 
 
कैंपस प्लेसमेंट के पहले ही राउंड में हुए इतने स्टूडेंट्स बाहर, जानें दूसरे राउंड की तिथि

Rajasthan Campus Placement : इंजीनियरिंग के सातवें सेमेस्टर में जब कैंपस प्लेसमैंट का दौर आया, तो सभी की निगाहें थीं बड़ी कंपनियों पर अब सोचिए, जिस लड़के ने अपनी पहली जॉब के सपने देखे थे, वो पहले ही राउंड में बाहर हो गया।  दोस्तों और परिवार से ताने सुनना तो जैसे तय था। लेकिन अक्षत की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अक्षत ने बताया- कैंपस में मिली इस नाकामी ने उन्हें झकझोर दिया था, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी मां से मोटिवेशन लिया। 

उन्होंने कि जब उन्हें प्लेसमैंट में रिजेक्शन मिला, तब उनकी मां ने उन्हें कहा- नियति हमेशा कुछ बड़ा सोच रही होती है, तुम्हारे लिए कुछ खास होगा। और वाकई, मां की बातें सच साबित हुईं। अक्षत ने ठान लिया कि वह अपने पिता की तरह बिज़नेस करेंगे। पिता ओमप्रकाश चतुर्वेदी का प्लास्टिक ग्रेन्यूल्स का छोटा सा व्यापार था, लेकिन उसमें संघर्ष और मेहनत भरपूर थी। बचपन में अक्षत ने देखा था कि किस तरह उनके पिता व्यापार में लगातार चुनौतियों का सामना करते रहे, और शायद यहीं से अक्षत ने भी संघर्ष करना सीखा।

लेकिन बिज़नेस शुरू करना आसान नहीं था। लंबे समय तक असमंजस में रहने के बाद, कुछ दोस्तों की मदद से उन्हें आईटी इंडस्ट्री में हाथ आजमाने का मौका मिला। और फिर, जनवरी 2020 में, अक्षत ने लॉन्च किया अपना स्टार्टअप  शुरुआत आसान नहीं थी। न ग्राहक थे, न कोई बड़ा प्रोजेक्ट। लेकिन अक्षत ने हिम्मत नहीं हारी। Freelancer जैसे प्लेटफार्मों पर छोटे-मोटे काम करते-करते धीरे-धीरे कस्टमर्स मिलने लगे। उन्होंने बताया- “कई बार लगा कि शायद मैंने गलत फैसला लिया है,” शुरुआती दिनों में कोई काम नहीं होता था और दिन बिस्तर पर लेटे-लेटे यह सोचने में गुजर जाता था कि आखिर वह क्या करें।

 लेकिन हर मुश्किल घड़ी में उनके माता-पिता ने उनका साथ दिया, खासकर उनकी मां। फिर एक दिन, अक्षत को उनके पहले बड़े प्रोजेक्ट का ऑर्डर मिला। यह था Musele Delta Therapy, Eagles Flights कंपनी का काम। अक्षत ने पूरी लगन और मेहनत से यह प्रोजेक्ट पूरा किया, और आज भी वह कंपनी उनके साथ काम कर रही है। आज, अक्षत की कंपनी 600 से ज्यादा कंपनियों को आईटी सेवाएं प्रदान कर रही है। मोबाइल ऐप डेवलपमेंट से लेकर टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस तक, अक्षत ने अपने बिज़नेस को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया है। हाल ही में, राजस्थान इनोवेशन लीडरशिप अवार्ड 2022 में उन्हें *Best Employer Brand Award से भी सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड *वर्ल्ड इनोवेशन कांग्रेस द्वारा आयोजित किया गया था, जो उनकी मेहनत और उपलब्धियों का प्रमाण है।