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सफर होगा फर्राटेदार! इन 2 बड़े शहरों की गंगा एक्सप्रेसवे से होगी शानदार कनेक्टिविटी 

उत्तर प्रदेश सरकार (UP News) द्वारा बनवाया जा रहा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगा। इस एक्सप्रेसवे (Expressway News) का निर्माण मेरठ से लेकर प्रयागराज तक किया जा रहा है, और इसे मुजफ्फरनगर और हरिद्वार से जोड़ने की योजना भी तैयार की जा रही है। इसके बाद, काशी और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों तक यात्रा करना और भी आसान होगा।
 
Expressway

Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार (UP News) द्वारा बनवाया जा रहा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगा। इस एक्सप्रेसवे (Expressway News) का निर्माण मेरठ से लेकर प्रयागराज तक किया जा रहा है, और इसे मुजफ्फरनगर और हरिद्वार से जोड़ने की योजना भी तैयार की जा रही है। इसके बाद, काशी और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों तक यात्रा करना और भी आसान होगा।

दरअसल, स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल (Kapil Dev Aggarwal) ने सीएम योगी (CM Yogi News) आदित्यनाथ से गंगा हाईवे (Ganga Highway) को हरिद्वार और मुजफ्फरनगर से जोड़ने की मांग की थी। इसी वजह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सर्वे कराने की अनुमति दे दी है। माना जा रहा है कि मेरठ से प्रयागराज तक निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे को मुजफ्फरनगर और हरिद्वार से जोड़ दिया जाए तो कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।

आपको बता दें कि मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे गंगा हाईवे पर काम तेजी से चल रहा है। पहले महाकुंभ में इसके उद्घाटन की संभावना थी, लेकिन निर्माण कार्य न होने के कारण इसका उद्घाटन नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि गंगा हाईवे का निर्माण कार्य 65 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। यह नवंबर 2025 तक तैयार हो जाएगा। शुरुआत में इसकी गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा होगी। इस उद्देश्य के लिए जिले में 1314 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई।

स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि महाकुंभ 2025 के दौरान हुई योगी कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़ा फैसला लिया है। बैठक में 320 किलोमीटर लंबे विंध्य एक्सप्रेसवे और 100 किलोमीटर लंबे विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को भी मंजूरी दी गई।