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राजस्थान में 7 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट इस तारीख को होगा एलान, देखें पूरी जानकारी 

राजस्थान में 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के परिणाम 23 नवंबर को सामने आएंगे। इन उपचुनावों में सात महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों पर मुकाबला हुआ है, जिनमें दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनू, खींवसर, चौरासी, सलूंबर, और रामगढ़ शामिल हैं। ये चुनाव राजस्थान की राजनीति के लिए अहम हैं, क्योंकि इन नतीजों से राज्य सरकार की लोकप्रियता और आने वाले विधानसभा चुनावों का संकेत मिल सकता है।
 

Rajasthan News : राजस्थान में 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के परिणाम 23 नवंबर को सामने आएंगे। इन उपचुनावों में सात महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों पर मुकाबला हुआ है, जिनमें दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनू, खींवसर, चौरासी, सलूंबर, और रामगढ़ शामिल हैं। ये चुनाव राजस्थान की राजनीति के लिए अहम हैं, क्योंकि इन नतीजों से राज्य सरकार की लोकप्रियता और आने वाले विधानसभा चुनावों का संकेत मिल सकता है।

कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला

रामगढ़ विधानसभा पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह सीट कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए अहम रही है। कांग्रेस के जुबैर खान का निधन होने के बाद यहां उपचुनाव हुआ है। यह सीट पर 1990 से लेकर 2023 तक या तो कांग्रेस का कब्जा रहा है या फिर भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा ने यहां जीत दर्ज की थी।

हनुमान बेनीवाल के लिए चुनौती

खींवसर विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) की प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल मैदान में हैं। हनुमान बेनीवाल ने पहले ही कह दिया था कि अगर RLP इस सीट से हार जाती है तो उनके 20 साल का संघर्ष खत्म हो सकता है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय है, जिसमें हनुमान बेनीवाल की पत्नी, भाजपा के रेवतराम डांगा और कांग्रेस की डॉ. रतन सिंह के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।

बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला

दौसा विधानसभा सीट पर भाजपा ने जगमोहन मीणा और कांग्रेस ने डीसी बैरवा को मैदान में उतारा था। पिछली बार इस सीट पर कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी।दौसा सीट पर भाजपा को कड़ी चुनौती मिल रही है, लेकिन भाजपा इस सीट को जीतने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।

राजस्थान के सात विधानसभा उपचुनावों के परिणाम 23 नवंबर को सामने आएंगे, और यह राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकते हैं। इन सीटों पर भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली है। विशेष रूप से रामगढ़, खींवसर, और दौसा सीटें इस बार सबसे अधिक चर्चा में हैं। अब यह देखना होगा कि कौन सा दल इन सीटों पर विजय प्राप्त करता है और आने वाले विधानसभा चुनावों में इसका क्या असर होता है।

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