राजस्थान के किसानों के नहीं बदले हालात! सरकारें बदली मगर नहीं बदली इस परियोजना की सूरत, जानें

Rajsthan News: सरकारें आईं और गईं, लेकिन नोहर-सिद्धमुख परियोजना की सूरत नहीं बदली। स्थिति यह है कि यह परियोजना करीब डेढ़ दशक से अटकी पड़ी है। लेटलतीफी के कारण हजारों किसानों को आनुपातिक रूप से पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी को लेकर झगड़े आम बात हो गई है। लेकिन फिर भी सरकारी तंत्र इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
जिले के नोहर व भादरा क्षेत्र में चकबंदी व मुरब्बाबंदी का कार्य इन क्षेत्रों की नहरों में क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। इस कार्य के पूरा होने के बाद ही सिद्धमुख नोहर प्रणाली की नहरों में इंदिरा गांधी व भाखड़ा नहरों की तर्ज पर टर्न प्रणाली लागू की जाएगी। फिलहाल भाईचारा सिस्टम से नहरों का मोड़ कार्य प्रगति पर तय किया गया है।
चकबंदी और मुरब्बाबंदी के कार्य पूरे होने से बारी व्यवस्था लागू हो सकेगी और किसानों को उनके हक का पानी आनुपातिक रूप से मिल सकेगा। वर्तमान में नोहर, भादरा एवं राजगढ़ के सिद्धमुख क्षेत्र में वेपकोस द्वारा जाम एवं चकबंदी कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन स्तर पर पर्चा खतौनी, मानचित्र दुरुस्ती, क्षेत्र में कब्जा सौंपने में आने वाली समस्याओं, खाला रोड से संबंधित तथ्यों के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। ताकि यह कार्य जल्द पूरा हो सके।
जानकारी के अनुसार नोहर तहसील के 48 गांव तथा भादरा के 53 गांवों का कार्य पूर्ण होना है। जिला प्रशासन के अनुसार चकों में अपडेट के बाद धरातल पर अंतिम क्रियान्वयन का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि, वीईपीसीओ द्वारा किए गए कार्य में भारी मात्रा में अशुद्धियां पाए जाने के बाद उन्हें मौके पर ही रोक दिया गया। प्रशासनिक अधिकारी अब कमियों को दूर कर इसे लागू करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
इतना बड़ा क्षेत्र सिंचित
नोहर-सिद्धमुख नहर प्रणाली से लगभग 50,000 किसान जुड़े हुए हैं। नहर से 111,458 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है। जल संसाधन विभाग ने पत्थरगढ़ी के हिसाब से बारियां तय कर दी हैं। चकबंदी व मुरब्बाबंदी का कार्य पूर्ण होने के बाद विभागीय नियमानुसार किसानों के खेतों का निर्धारण करने की प्रक्रिया पूरी की जाए। हालांकि, अधूरे काम के कारण विभागीय स्तर पर बालबंदी व्यवस्था लागू नहीं हो पा रही है। वर्तमान में केवल भाईचारा प्रणाली ही लागू है। ऐसे में पानी को लेकर लगातार विवाद होता रहता है।
तथ्यों की फ़ाइल.....
-सिद्धमुख-नोहर प्रणाली की नहरों में चकबंदी का कार्य करीब डेढ़ दशक से चल रहा है। अभी तक पूरा नहीं।
- इस नहर से एक लाख 11 हजार 458 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई हो रही है।
- नोहर के 45 गांवों के नक्शे पूरी तरह तैयार, इन गांवों के 106 चकों का लेखा-जोखा तैयार, 13 चकों में अपडेट के बाद अंतिम रूप से धरातल पर लागू किया जाएगा।
कमियों को सुधारा जा रहा है
वेपकोस को यह कार्य सौंपा गया है। जब उनकी दी गई रिपोर्ट का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर शुरू किया गया तो कुछ कमियां पाई गईं। इसे ठीक करने के लिए निपटान विभाग और वीईपीसीओ की एक संयुक्त टीम गठित की गई है। कमियों को शीघ्र दूर करने के बाद रिपोर्ट को पायलट परियोजना के रूप में क्रियान्वित करने का प्रयास किया जाएगा।