राजस्थान में अब इन महिलाओं की हुई मौज, खाते में सीधे आएंगे 1.5 लाख रुपये, जानें किसे और कैसे मिलेंगे
Rajsthan News: राजस्थान में जन्म लेने वाली बेटी के खाते में अब सरकार 1.5 लाख रुपए जमा कराएगी। महिला दिवस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 'लाडो प्रोत्साहन योजना' के तहत बेटियों को दी जाने वाली राशि बढ़ाने की घोषणा की है
मुझे यह राशि कैसे मिलेगी? कौन पात्र होगा? इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए? क्या पुराने राजश्री योजना धारक भी पात्र होंगे? अभी तक आधिकारिक दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार अप्रैल में इस योजना के पूर्ण दिशानिर्देश जारी कर सकती है।
लाडो प्रोत्साहन योजना' क्या है और इससे बेटियां कैसे लखपति बनेंगी?
पहले ‘मुख्यमंत्री राजश्री योजना’ के तहत बेटियों को 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलती थी। भजनलाल सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इस योजना में बदलाव करते हुए लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत बेटियों को दी जाने वाली राशि को दोगुना कर दिया था। अब यह राशि बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी गई है।
इस योजना के तहत अब राजस्थान में जन्म लेने वाली बेटी को जन्म से लेकर 21 वर्ष की आयु तक सात किस्तों में 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महिला दिवस के अवसर पर लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत बढ़ोतरी की घोषणा की थी।
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इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है? क्या किसी प्रकार की कोई शर्तें हैं?
इस योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए कोई जाति, धर्म, वर्ग या आय सीमा नहीं है। राजस्थान में कहीं भी जन्म लेने वाली बेटियां इस योजना के अंतर्गत पात्र मानी जाएंगी।
एकमात्र शर्त यह है कि मां राजस्थान की मूल निवासी हो और बेटी का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान या जननी सुरक्षा योजना से अनुमोदित निजी अस्पताल में हुआ हो। तभी जन्म लेने वाली बेटी को लाडो योजना का लाभ मिल सकेगा।
लाडो प्रोत्साहन योजना का लाभ कैसे उठाएं?
इस योजना में कहीं भी आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। राज्य आयुर्विज्ञान संस्थान या जननी सुरक्षा योजना द्वारा स्वीकृत निजी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बालिकाओं का आवश्यक डाटा संबंधित विभागों के पोर्टल से स्वतः अपलोड हो जाएगा। सरकार उसी डेटा से बेटी का खुद रजिस्ट्रेशन करेगी।
इस योजना के तहत बेटी को पैसा कैसे मिलेगा, कितनी किस्तों में मिलेगा?
बेटी के जन्म से 21 वर्ष की आयु तक 7 किस्तों में ₹1,50,000 की राशि का भुगतान DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। प्रारंभिक 6 किश्तें लड़की के माता-पिता के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएंगी। सातवीं किस्त डीबीटी के माध्यम से बालिकाओं के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
पंजीकरण कैसे होगा, योजना के तहत क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी?
सबसे पहले गर्भावस्था के दौरान माता का विवरण चिकित्सा विभाग के पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। गर्भवती महिला की एएनसी जांच के दौरान राजस्थान का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र या विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण आदि दस्तावेज एकत्रित किए जाएंगे।
इस दस्तावेज़ की जांच चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा की जाएगी। इसके बाद विवरण पीसीटीएस पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
पहली किस्त बालिका के जन्म पर माता/माता-पिता के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
अगले चरण में टीकाकरण पूरा होने पर दूसरी किस्त का भुगतान किया जाएगा।
फिर शिक्षा के प्रत्येक चरण पर निर्धारित राशि अभिभावक के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।
अंतिम किस्त स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने और 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर लड़की के खाते में सीधे स्थानांतरित कर दी जाएगी।
अंतिम किस्त के लिए स्नातक कक्षा में प्रवेश करने पर सभी प्रासंगिक दस्तावेज उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।
जिन बेटियों ने पुरानी राजश्री योजना के तहत पंजीकरण कराया है और पुरानी योजना के अनुसार शुरुआती किस्त ले ली है, क्या वे भी 1.5 लाख रुपये की पात्र होंगी?
राजश्री योजना धारकों को भी नई योजना के अंतर्गत पात्र माना जाएगा। उन्हें नए सिरे से पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि राजश्री योजना को लाडो प्रोत्साहन योजना में पूरी तरह से एकीकृत कर दिया गया है। ऐसे मामलों में जो बालिकाएं पहले से राजश्री योजना के तहत पंजीकृत हैं तथा किस्त प्राप्त कर चुकी हैं, उन्हें लाडो प्रोत्साहन योजना की अगली किस्त के तहत बढ़ी हुई राशि दी जाएगी।
अब तक कितनी लड़कियों को इस योजना का लाभ मिला है?
14 दिसंबर 2024 को राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन में 1 लाख लाभार्थियों को ₹25 करोड़ हस्तांतरित किए गए। अब तक 1.77 लाख बेटियों को योजना की पहली किस्त का लाभ दिया जा चुका है।
इस योजना की देखरेख कौन सा विभाग करेगा? जिलों में इस योजना की निगरानी कौन करेगा?
योजना का प्रशासनिक प्रभार महिला एवं बाल विकास विभाग के महिला अधिकारिता निदेशालय द्वारा संभाला जाएगा। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर द्वारा हर तीन माह में इसकी समीक्षा की जाएगी। इस योजना की निगरानी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की जिला टास्क फोर्स द्वारा की जाएगी।