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मुस्लिम धर्म के घरों में हिन्दू धर्म की प्रक्रिया से की गई शादी, वायरल हुई वीडियो 

यहां अब बेटों के साथ ही बेटियां भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. ब्याह शादी में जो रस्मो रिवाज लड़के के लिए किए जाते हैं वो अब लड़कियों में भी किए जाने लगे हैं. बदलाव की यह बयार हिन्दू समाज के साथ ही मुस्लिम समाज में भी बहने लगी है. ऐसा ही एक मामला दौसा जिले में सामने आया है. यहां मुस्लिम समाज की बेटी की शादी में उसे भी घोड़ी पर बिठाकर उसकी बिंदौली निकाली गई.इस बदलाव से दुल्हन भी इतनी खुश हुई कि वह घोड़ी पर बैठे-बैठे नाचने लगी. उसका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. 
 
मुस्लिम धर्म के घरों में हिन्दू धर्म की प्रक्रिया से की गई शादी, वायरल हुई वीडियो

Rajasthan News : यहां अब बेटों के साथ ही बेटियां भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. ब्याह शादी में जो रस्मो रिवाज लड़के के लिए किए जाते हैं वो अब लड़कियों में भी किए जाने लगे हैं. बदलाव की यह बयार हिन्दू समाज के साथ ही मुस्लिम समाज में भी बहने लगी है. ऐसा ही एक मामला दौसा जिले में सामने आया है. यहां मुस्लिम समाज की बेटी की शादी में उसे भी घोड़ी पर बिठाकर उसकी बिंदौली निकाली गई.इस बदलाव से दुल्हन भी इतनी खुश हुई कि वह घोड़ी पर बैठे-बैठे नाचने लगी. उसका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. 

बदलाव की यह सुखद तस्वरी दौसा शहर से सामने आई है. यहां की राहीन बानो की शादी के दौरान यह तस्वीर देखने को मिली. राहीन की 5 नवंबर को शादी है. इससे पहले शनिवार को राहीन को घोड़ी पर बिठाकर उसकी तेल बिंदौली निकाली गई. उसे बिंदौली के रूप में घोड़ी पर बिठाकर नागौरी मोहल्ला और ईदगाह कॉलोनी होते हुए लालसोट रोड स्थित खुद के घर ले जाया गया.बिंदौली में राहीन के परिजन नाचते गाते हुए चल रहे थे. 

वहीं खुद राहीन भी घोड़ी पर बैठकर इस सुनहरे पल का आनंद लेती हुई नजर आई. राहीन की शादी से पहले तेल बिंदौली की परंपरा की इस नई पहल का सभी ने खुलकर स्वागत किया. इस दौरान बिंदौली में शामिल उसके परिवार तथा अन्य लोग भी खासा खुश नजर आए. 

राहगीरों ने भी बदलाव के इन पलों को अपने कैमरे में कैद किया. बाद में राहीन के ये वीडियो सोशल मीडिया में भी छा गए.राजस्थान में बीते कुछ बरसों से हिन्दू समाज में बेटियों की भी बेटों की तरह शादी में घोड़ी पर बिठाकर बिंदौली निकाली जाने लगी है. लेकिन मुस्लिम समाज में संभवतया इसका आयोजन पहली बार हुआ है. उम्मीद जताई जा रही है कि दौसा में मुस्लिम समाज में बेटी की बिंदौली की यह पहल आने वाले समय में अन्य बेटियों के अभिभावकों को भी प्रेरित करेगी.