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 बीजेपी या कांग्रेस कौन सी पार्टी होगी 19.36 लाख वोट की हकदार, देखें पूरी जानकारी 

प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक-दूसरे को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों ही तरफ से उप चुनाव के नतीजों को लेकर सभी सात सीटें एकतरफा जीतने के दावे हो रहे हैं. तर्क परिस्थितियों का है. पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा अपनी पार्टी के समर्थन में माहौल बताते हुए दावा कर रहे हैं, तो बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ अपनी पार्टी का पलड़ा भारी बता रहे हैं
 
 बीजेपी या कांग्रेस कौन सी पार्टी होगी 19.36 लाख वोट की हकदार, देखें पूरी जानकारी

Rajasthan News : प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक-दूसरे को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों ही तरफ से उप चुनाव के नतीजों को लेकर सभी सात सीटें एकतरफा जीतने के दावे हो रहे हैं. तर्क परिस्थितियों का है. पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा अपनी पार्टी के समर्थन में माहौल बताते हुए दावा कर रहे हैं, तो बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ अपनी पार्टी का पलड़ा भारी बता रहे हैं

 लेकिन इसका फैसला तो ईवीएम से होगा और पलड़े में वजन भारी करने के लिए वोट डालने वाली जनता ही तय करेगी कि तराजू किसकी तरफ झुकेगी डुगडुगी बज चुकी है. निर्वाचन आयोग ने चुनावी दंगल का दिन तय कर दिया है. मुकाबला आमने-सामने का होगा या फिर त्रिकोणीय या बहुकोणीय, इसको लेकर तो फ़ैसला होने में वक्त लगेगा. लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के नेता अपने-अपने दावे कर रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से पहला दांव पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा ने चला. 

अब तक सरकार पर पर्ची सरकार और सर्कस होने के आरोप लगाने वाले डोटासरा ने मंत्रियों की खींचतान और तबादलों की लिस्ट कैंसिल करने के बाद यू-टर्न वाली सरकार होने की चुटकी ली. डोटासरा ने कहा कि सरकार का काम जनता को रास आता नहीं दिख रहा और इसका असर उपचुनाव पर पड़ेगा. पीसीसी चीफ ने नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आने का दावा भी किया. डोटासरा के उप-चुनाव की सात सीटों पर अपने दावे हैं, लेकिन उधर बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ कहते हैं कि अबकी बार हालात बदले हुए हैं. कुछ दिन पहले तक जो बीजेपी यह राग अलाप रही थी कि 2023 के मुख्य चुनाव में उसके पास इन सात सीट में से एक ही थी. 

इसलिए पार्टी के पास खोने को कुछ नहीं है. वही बीजेपी अब सात सीट पर जीत का दावा कर रही है. प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के साथ डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा भी बीजेपी की तरफ जनता के झुकाव और सभी सात सीटें जीतने की बात कर रहे हैं. दोनों प्रमुख पार्टियों के साथ ही आरएलपी और बीएपी भी उपचुनाव के लिए अपनी तैयारी कर रही हैं. इस बीच गठबंधन को लेकर अभी तक कांग्रेस में स्थिति साफ नहीं हो पाई है. पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा उप-चुनाव में गठबंधन का मामला आलाकमान पर छोड़ने की बात कहते आए हैं. ऐसा इसलिए भी, क्योंकि ना तो बीएपी अपने खाते में रही चोरासी सीट छोड़ना चाहेगी और ना ही अभी तक खींवसर को लेकर आरएलपी ने ऐसी कोई मंशा दिखाई है.