Mughal Harem Dark Secrets: मुगल के हरम में महिलाओं का चयन करने के लिये पहले देखे जाते थे ये अंग
Khelo Rajasthan नई दिल्ली ; मुगल बादशाह के हरम में महिलाओं का चयन उनके अंगों से किया जाता था आज की पोस्ट में मुगल हरम के रहस्य के बारे में बताया गया है। इन महिलाओं ने बाजारों और कस्बों में बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया और महिलाओं के आराम और मनोरंजन की सेवाएँ प्रदान कीं। अकबर के काल में, मुगल हरम में अंगों वाली महिलाओं को महिला किन्नर के रूप में विशेष उपाधियाँ दी जाती थीं। संगठित जानकारी की कमी के कारण उन्हें कैसे लाया गया, इसके बारे में बहुत कम विस्तृत जानकारी है।
मुग़ल हरम में मनोरंजन एवं मनोवैज्ञानिक आधार
मुग़ल सम्राट अकबर के हरम में अंगों वाली महिलाओं की उपस्थिति और भूमिका उनके मनोरंजन और मनोवैज्ञानिक आधार पर आधारित थी। इन महिलाओं का मनोरंजन कवियों, नर्तकियों और मनोरंजनकर्ताओं द्वारा उनके हरम में किया जाता था। इन महिलाओं को एक समूह के रूप में आयोजित मनोरंजक कार्यक्रमों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित और नियुक्त किया गया था।
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ये महिलाएँ सम्राट के अधिकारियों और महिलाओं को मनोरंजन के रूप में नृत्य, गायन, संगीत, पान चबाना और चर्चा सहित कई प्रकार की सेवाएँ प्रदान करती थीं। उनका मुख्य कार्य शहरों में घूमना और लोगों का मनोरंजन करना था। मुग़ल हरम में अंगों वाली महिलाएँ व्यवसाय, कला और साहित्य के क्षेत्र में भी काम करती थीं।
मुगल हरम में महिलाओं की संख्या
मुगल हरम में कितनी महिलाएँ थीं? मुग़ल बादशाहों के हरम में कई महिलाएँ होती थीं। प्रत्येक सम्राट अपने हरम में बहुत सारी महिलाएँ रखता था जिन्हें 'महल की बेगम' या 'महल की बीवी' कहा जाता था। इनमें से कुछ महिलाएँ उनकी पत्नियाँ थीं और अन्य को राजकुमारियाँ, नबाबज़ादा, शाही माँ और अन्य महत्वपूर्ण महिलाओं के रूप में चुना गया था। मुग़ल साम्राज्य के दौरान, प्रत्येक सम्राट अपने व्यक्तिगत राजनीतिक और शाही उद्देश्यों के अनुसार अपने हरम में महिलाओं को चुनता था। जहां वे महिलाएं रहती थीं और उन्हें उनकी जरूरतों की पूर्ति के लिए पूरा आधार उपलब्ध कराया जाता था।
अकबर, जहाँगीर और शाहजहाँ जैसे प्रमुख मुग़ल बादशाहों के हरम में आमतौर पर लगभग 300 से 500 महिलाएँ होती थीं। हरम की संख्या में अंतर उनके शासनकाल, राजनीतिक परिस्थितियों और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता था। कुछ महिलाएँ विशेष रूप से मुग़ल सम्राट के साथ जुड़ी हुई थीं, जबकि बाकी अधिकांश अलग-अलग भूमिकाएँ निभाती थीं
