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Mughal Harem : मुग़ल हरम मे बादशाह की रखैल बनने के लिए जवान महिलाओं को करनी होती थी ये परीक्षा पास, इस व्यक्ति के साथ बितानी पड़ती थी रात

 
Mughal Harem

Mughal Harem : भारतीय इतिहास ( Indian History ) में मुगल शासन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मुगल ( Mughal ) राजवंश ने भारत को एक वर्णमय समाज बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस शासनकाल के समय, मुगल बादशाहों ( Mughal emperors ) की रखैल बनने के लिए जवान महिलाओं के लिए एक खास प्रक्रिया थी। ये रखैल तब सफलता से पास होतीं जब वे रात में बादशाह के साथ वक्त बिताने की कल्पना कर सकती थीं। इस परीक्षा को पास करने के बाद ही वह मुगल हरम में काम कर सकती थीं।

रखैल अथवा कनीज़ का पद दुनिया के सबसे अधिक शोषण किए गए पदों में से एक है। उन्हें तुरंत उनके परिवारों और समाज द्वारा खारिज कर दिया जाता था। इस कठिन परीक्षा को पास करने के लिए, रखैलों को आवश्यकताओं के अनुसार पढ़ाई की सीमा थी, जैसे कि गीत, नृत्य, संगीत आदि। वे एक संगीत या नृत्य का अध्ययन करतीं थीं जिसे बादशाह और उनकी महिलाओं को प्रस्तुत करने के दौरान उनकी मिश्रण उत्सुकता को मित्रवत स्वीकार किया जाता था। इस समाज के लिए बनाई गई संस्कृति फिर से एकजुट हुई और एक नए संस्कृति विस्तार देने में मदद करती थी।

रखैल होने का मतलब सामाजिक एवं शैतान होने से होता था, जो उन्हें संघर्षों के बीच जीवित रखने के लिए बल प्रदान करता था। अक्सर, रखैलों के विरुद्ध शक्तियां, कौशल या राजनैतिक संबंधों से लड़ने की आवश्यकता होती थी। वे शासक के शिकार होते थे, जिन्हें जीत भी नहीं मिलती। उन्हें सेक्स संबंधित उपेक्षा का सामना भी करना पड़ता था। कुछ रखैल बहुत संवेदनशील होती थीं जो बादशाह के जीवन में विस्तार के रूप में स्थान पाकर आर्थिक सम्पदा, अधिकार एवं संबंधों को प्राप्त करती थीं।

ये कामों के धंधे आम रूप से उन्होंने अपनी इच्छा से नहीं चुने थे। इनके कुछ विवादों में, अश्लीलता और रैफ़ले शब्द इस्तेमाल करने के कारण, बहुत से लोगों ने उन्हें दोषी माना। उनके पास कुछ भी नहीं होता था और उन्हें यह भी पता होता था कि वे कभी उन लोगों द्वारा सम्मानित नहीं किए जाएंगे।

अतीत से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता है, लेकिन मुगल शासन के दौरान चली आने वाली अनेक जागरुकता शिक्षा। रखैलों और समाज के अन्य वर्गों की शिक्षा एवं विद्यालय खोलने के माध्यम से, इस समाज को एकजुट करने और जागरूक बनाने में मदद मिलती थी। इसलिए, मुगल शासकों ने समाज के लिए बहुत सारी सुविधाएं प्रदान की थीं। उनके द्वारा शुरू किये गए क्रिकेट एवं पोलो जैसे खेल, दरबार में लोगों को मनोरंजन करने के लिए मददगार थे।