स्कोडा फॉक्सवैगन ने बना दिया ऑटो बाजार में नया रिकॉर्ड, कुछ ही महीनों में बेच डाली 500000 गाड़ियां

Skoda Cars : भारतीय बाजार में इस कंपनी की गाड़ी ने सेल्स के मामले में रिकॉर्ड बना दिया हैं। ऑटो बाजार में स्कोडा की इस कार में सिर्फ कुछ ही महीनों में लोगों के दिलों पर राज कर लिया हैं। दरअसल, कंपनी ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 5 लाख कारों के प्रोडक्शन की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
स्कोडा कंपनी ने ये बड़ी उपलब्धि अपनी गाड़ियों की मजबूती व तगड़े फीचर्स के कारण ही ये रिकॉर्ड बनाया हैं। 2001 में छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) प्लांट से ऑक्टाविया कार के रोलआउट के साथ भारत में स्कोडा की यात्रा शुरू हुई थी। तब से यह एक विविध और समृद्ध उत्पाद पोर्टफोलियो में विकसित हुई है।
ऑक्टाविया, लॉरा, सुपर्ब और कोडिएक जैसे प्रतिष्ठित मॉडलों से लेकर कुशाक, स्लाविया और पहली सब-4 मीटर कार क्यलाक जैसे आधुनिक विकल्पों तक, स्कोडा ने न केवल कारें बनाई हैं, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं के साथ एक मजबूत भावनात्मक जुड़ाव भी स्थापित किया है।भारत में निर्मित स्कोडा कारें केवल घरेलू बाजार के लिए नहीं हैं। स्कोडा की निर्माण क्षमताएं अब वैश्विक लक्ष्यों को भी समर्थन दे रही हैं। भारत में निर्मित पार्ट्स और कंपोनेंट्स अब वियतनाम के नए प्लांट में असेंबल किए जा रहे हैं।
यह संयंत्र वियतनाम के लिए कुशाक और स्लाविया का स्थानीय निर्माण करेगा, जिससे भारत स्कोडा के वैश्विक विस्तार में एक रणनीतिक निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। यह भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया फॉर इंडिया एंड फॉर द वर्ल्ड’ की सोच के अनुरूप है।स्कोडा ने भारत की दो निर्माण इकाइयों पुणे और छत्रपति संभाजीनगर की सम्मिलित शक्ति से यह 5,00,000 इकाइयों की उपलब्धि प्राप्त की। इसमें से लगभग 70% वाहन पुणे संयंत्र में और शेष छत्रपति संभाजीनगर संयंत्र में बने। स्कोडा ने मार्च 2025 में अपनी अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री दर्ज की – एक ही महीने में 7,422 यूनिट्स की डिलीवरी। हर निर्मित कार के पीछे एक कुशल टीम, अत्याधुनिक तकनीक और ग्राहकों का अटूट विश्वास है, जो इस प्रेरणादायक सफर को आगे बढ़ा रहे हैं।