हरियाणा में 12वीं पास युवाओं के लिए गुड न्यूज! अब 2 घंटे बच्चों को पढ़ाने के लिए मिलेंगे 9240 रुपए, जानें
Haryana News: हरियाणा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने के उद्देश्य से राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, नैतिकता और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है। सरकार का मानना है कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का भी समावेश होना चाहिए ताकि बच्चे अच्छे नागरिक बन सकें।
यह योजना संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता मिशन के अंतर्गत क्रियान्वित की जाएगी। संस्कार शिक्षक न केवल विद्यार्थियों को पढ़ाई में मदद करेंगे बल्कि उन्हें अनुशासन, ईमानदारी और भारतीय संस्कृति से भी परिचित कराएंगे। इस योजना का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा को समृद्ध बनाना है ताकि वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।
कर्मकाण्ड शिक्षकों की भूमिका केवल शिक्षण तक ही सीमित नहीं होगी बल्कि वे बच्चों को नैतिक शिक्षा भी देंगे। वे छात्रों को अनुशासन, ईमानदारी, समाज के प्रति जिम्मेदारी और भारतीय संस्कृति से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सिखाएंगे।
इसके अलावा, अनुष्ठान शिक्षक बच्चों को प्रेरित करने का काम करेंगे ताकि वे अपने जीवन में उच्च आदर्शों का पालन कर सकें। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से बच्चों में नैतिकता और मूल्यों का विकास होगा जिससे वे अच्छे नागरिक बन सकेंगे।
महिलाओं को मिलेगा 33% आरक्षण हरियाणा सरकार ने इस योजना में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रदान किया है जिससे उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को अधिक भागीदारी देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
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महिला आवेदकों को विशेष छूट भी दी जाएगी ताकि वे आसानी से योजना का लाभ उठा सकें और समाज निर्माण में योगदान दे सकें। सरकार का मानना है कि महिलाओं की भागीदारी से बच्चों को बेहतर पालन-पोषण और शिक्षा मिल सकेगी।
संस्कार शिक्षकों की योग्यता एवं वेतन संस्कार शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है ताकि अधिक से अधिक युवा इस योजना का लाभ उठा सकें। आवेदकों की आयु सीमा 18 से 42 वर्ष के बीच निर्धारित है।
इसके अलावा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पूर्व सैनिकों को तीन वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। चयनित कर्मकाण्ड शिक्षकों को प्रतिदिन दो घंटे काम करने के लिए 9,240 रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी गांव में केवल एक ही प्राथमिक विद्यालय है तो कर्मकांडी शिक्षक उसी विद्यालय में पढ़ाएंगे। यदि किसी गांव में दो स्कूल हैं तो शिक्षक को दोनों स्कूलों में अलग-अलग दिन या अलग-अलग समय पर पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक बच्चे योजना का लाभ उठा सकें।
निगरानी के लिए विशेष समिति सरकार ने इस योजना की निगरानी के लिए सात सदस्यीय विशेष समिति गठित करने का निर्णय लिया है। समिति सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली की निगरानी करेगी और शिक्षकों के काम का मूल्यांकन करेगी।
समिति में ऐसे सदस्य शामिल होंगे जो 12वीं पास हैं और सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं। इसे स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) से अलग रखा जाएगा, लेकिन यदि कोई एसएमसी सदस्य शैक्षिक योग्यता पूरी करता है, तो वह इसमें शामिल हो सकता है।
सरकार का मानना है कि इस समिति के गठन से संस्कार शिक्षकों के कार्य की गुणवत्ता में सुधार आएगा तथा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कर्मकाण्ड शिक्षक बनने से युवाओं को रोजगार का नया अवसर मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से न केवल बच्चों को नैतिक शिक्षा मिलेगी बल्कि युवाओं को रोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी।
हरियाणा सरकार के इस कदम से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। यह निर्णय सरकार की रोजगार नीति के अनुरूप है जिसका उद्देश्य युवाओं को बेहतर अवसर प्रदान करना है।
संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाएगी। सरकार ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध कराएगी ताकि इच्छुक उम्मीदवार आसानी से आवेदन कर सकें।
भर्ती प्रक्रिया योग्यता के आधार पर होगी और चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे बच्चों को बेहतर शिक्षा और अनुशासन प्रदान कर सकें।