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हरियाणा के छात्रों की हुई मौज, स्कॉलरशिप को लेकर मुख्य सचिव ने दिये ये निर्देश, जानें पूरी डिटेल 

 
 

Haryana News: हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आज अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की। ये केन्द्र प्रायोजित योजनाएं वर्तमान में सात विभागों - उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण, पशुपालन और डेयरी, आयुष और स्कूल (माध्यमिक) शिक्षा द्वारा कार्यान्वित की जा रही हैं।

बैठक के दौरान श्री रस्तोगी ने छात्रवृत्तियों के समय पर वितरण की आवश्यकता पर बल दिया तथा सभी संबंधित विभागों को लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए।

उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग को केन्द्र सरकार द्वारा वित्तपोषित योजनाओं - अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना तथा ओबीसी विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के घटक-I का पूरा उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं स्कूल स्तर पर वंचित समुदायों के छात्रों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धनराशि की शीघ्र प्रतिपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय पर प्रस्तुत किए जाने चाहिए। पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उन्होंने निर्देश दिया कि इन छात्रवृत्ति योजनाओं के कार्यान्वयन में शामिल सभी संस्थानों, जिला नोडल अधिकारियों और राज्य नोडल अधिकारियों के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक ई-केवाईसी अनिवार्य किया जाए।

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श्री रस्तोगी ने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि कोई भी योग्य छात्र शिक्षा के अवसर से वंचित न रहे। उन्होंने संबंधित विभागों को इन केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के तहत लाभों का सुचारू और प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए बेहतर समन्वय के साथ काम करने को कहा।

चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि विभाग ने छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर दिया है ताकि छात्रवृत्ति कुशलतापूर्वक और बिना किसी अनावश्यक देरी के वितरित की जा सके।

सेवाएं विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी.एस. अनुपमा ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र प्रायोजित इस योजना में केन्द्र और राज्य वित्त पोषण का अनुपात 60:40 है। छात्रवृत्ति दो घटकों के तहत प्रदान की जाती है - अनिवार्य गैर-वापसीयोग्य शुल्क और 2,500 रुपये से 13,500 रुपये प्रति वर्ष का शैक्षणिक भत्ता, जो पाठ्यक्रम श्रेणी और इस बात पर निर्भर करता है कि छात्र छात्रावास में रह रहा है या दिन में छात्र रह रहा है। इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्र पात्र हैं।

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डॉ. अनुपमा ने बताया कि ओबीसी छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना पीएम यशस्वी योजना का घटक-II है। इस योजना को केंद्र और राज्य द्वारा 60:4 के अनुपात में वित्त पोषित किया जाता है। इस योजना के तहत प्रति वर्ष 5,000 रुपये से 20,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जिसमें शैक्षणिक भत्ते और ट्यूशन फीस दोनों शामिल हैं। 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्र भी इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों की संख्या बढ़ाना तथा छात्रवृत्ति का समय पर वितरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बैठक में युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजेन्द्र कुमार, सेवाएं विभाग के निदेशक श्री प्रशांत पंवार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।