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हरियाणा के बिजली बिल डिफाल्टर्स की हुई बल्ले- बल्ले, बकाया बिजली बिल भुगतान पर मिलेगी माफी, जानें....

 
 

Haryana News: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में बिजली के बिजली बिलों का उठाव। मुख्यमंत्री नायब सैनी (Nayab सैनी) ने कहा कि जो गांव अभी तक 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना में शामिल नहीं है, वे गांव के लिए नई योजना लेकर आएंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस योजना के तहत 5,800 में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। इस योजना के तहत बिजली के विद्युत बिलों का भुगतान अनिवार्य है।

बकाया बिजली बिल भुगतान पर छूट देवी सरकार

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में संकेत दिया है कि शेष क्षेत्र को भी इस योजना में शामिल करने के लिए डिफाल्टर्स के लिए नामांकन पत्र की योजना लागू की जा सकती है। बता दें कि नारनौंद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता जस्सी पेटवाड़ ने बिजली विभाग पर गरीब लोगों के घरों में लाखों लोगों के बिल का मामला उठाया था, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी है।

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सीएम सैनी ने कहा कि नारनौंद हल्के में 55 गांव हैं। इनमें से एक भी गांव 'मेरा गांव जगमग गांव' योजना में शामिल नहीं है। इन लोगों ने अपनी बिजली बिल राशि नहीं खरीदी है। इन का 388.37 करोड़ का बिजली बिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आम जनता को बिजली बिलों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जाए, तो हम बिजली बिलों में एक जिप लेकर आएंगे और लोगों को शामिल करने में छूट देंगे।

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दोबारा की गई गणना

हरियाणा के सीएम ने कहा कि जहां तक ​​बिजली बिलों की बात है तो कुछ मामलों में मीटर खराब हो जाते हैं और उनकी बिजली रिपोर्ट में कोई दम नहीं है. धनहेड़ी गांव के दो बिजली कंपनियों का मामला विशेष रूप से नेता जस्सी पेटवाड ने उठाया था। इन दोनों का मीटर खराब होने का कारण बिल औसत आधार पर बनाया गया। बिल की फाइल निकाली गई और अब 7 साल 4 महीने का औसत मासिक बिल 1255 रुपये आया है।

दूसरे का गलत मीटर इंटेलिजेंस के कारण अधिक बिल बन गया था। जांच के बाद अब यह 11 साल 8 महीने का औसत मासिक बिल 827 रुपये आया है।