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हरियाणा के किसानों को झेलना पड़ेगा बिजली संकट, जानें खास वजह 

 
 
जानें खास वजह

Haryana News: हरियाणा के किसानों के लिए निराशाजनक खबर है। इस बार खरीफ सीजन में किसानों को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। जहां तक ​​खरीफ सीजन की फसलों का सवाल है, धान को सिंचाई के लिए बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है और अधिकांश किसान सिंचाई के लिए ट्यूबवेल पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में बिजली की कमी होने पर किसानों को संकट का सामना करना पड़ सकता है।

डिस्कॉम का लक्ष्य घटा

हरियाणा को इस वर्ष पूरे वर्ष बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में कृषि श्रेणी में बिजली आपूर्ति 20 मिलियन यूनिट कम निर्धारित की गई है। वर्ष के दौरान नलकूपों की संख्या में लगभग 13,000 की वृद्धि हुई। मांग तो बढ़ गई है, लेकिन बिजली आपूर्ति का लक्ष्य कम कर दिया गया है।

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हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) द्वारा नए टैरिफ के संबंध में जारी किए गए हालिया आदेशों में डिस्कॉम द्वारा निर्धारित बिजली आपूर्ति का उल्लेख है। तदनुसार, चालू वित्त वर्ष में कृषि के लिए आपूर्ति 930.47 करोड़ यूनिट होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 932.52 करोड़ यूनिट थी।

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नये कनेक्शनों की संख्या में वृद्धि

इसी प्रकार, जनवरी 2024 तक हरियाणा में 6,89,217 ट्यूबवेल होंगे। जबकि जनवरी, 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 7,02,090 हो गया है। इसका अर्थ यह है कि वर्ष के दौरान 12,873 ट्यूबवेल कनेक्शन जोड़े गए हैं। बिजली आधारित ट्यूबवेल कनेक्शनों की संख्या बढ़ी है, जिससे स्पष्ट है कि मांग बढ़ी है, लेकिन आपूर्ति लक्ष्य कम कर दिया गया है, जिससे किसानों को परेशानी हो सकती है।