हरियाणा में 4 नए जिले बनाने को लेकर बड़ी अपडेट, कैबिनेट कमेटी ने सुनाया यह बड़ा फैसला

Haryana News: हरियाणा सरकार ने नए जिलों, उप-मंडलों, तहसीलों और उप-तहसीलों के गठन के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो अब कोई भी नया जिला नहीं बना सकेगा, बल्कि उसे कागजी कार्रवाई की पूरी दुकान खोलनी होगी।
कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी भी नए जिले के लिए न केवल जिला उपायुक्त (डीसी) की सिफारिश पर्याप्त होगी, बल्कि ब्लॉक समिति, विधायक, नगर पालिका और नगर निगम की भी हां जरूरी होगी।
नये जिलों के गठन की प्रक्रिया क्या है?
अब हरियाणा में नए जिले, उपमंडल व तहसील बनाने के लिए न केवल डीसी की सिफारिश की आवश्यकता होगी, बल्कि ब्लॉक समिति, विधानसभा विधायक और नगर निगम या नगर निगम से प्रस्ताव प्राप्त करना भी अनिवार्य होगा। इन सभी आवश्यक प्रस्तावों और सिफारिशों के बिना राज्य में कोई नया जिला नहीं बनाया जा सकता।
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कैबिनेट उप-समिति को प्राप्त प्रस्ताव कैबिनेट उप-समिति को हांसी, गोहाना, असंध, सफीदों और डबवाली सहित पांच नए जिलों की मांग प्राप्त हुई है। हालाँकि, आधे से अधिक दस्तावेज अधूरे होने के कारण ये प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन हैं। मंत्रिमंडल उप-समिति ने संबंधित जिला उपायुक्तों को आवश्यक दस्तावेज तैयार कर निर्णय के लिए उप-समिति को भेजने के निर्देश दिए हैं।
महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए, जिनमें महेंद्रगढ़ जिले के गांव मण्डोला को उप-तहसील सतनाली में शामिल करना भी शामिल है।
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यमुनानगर जिले के गुंदियाना गांव को रादौर तहसील से हटाकर सरस्वती नगर उप-तहसील में शामिल किया गया। फरीदाबाद जिले के सेक्टर 15ए और 16ए को बड़खल तहसील से हटाकर फरीदाबाद तहसील में शामिल किया गया। फरीदाबाद के सेक्टर 21ए और 21बी को बड़खल तहसील में शामिल किया गया।
गांव के सरपंच की भूमिका इसके अतिरिक्त, गांवों को उप-तहसील या तहसील में शामिल करने के लिए संबंधित गांव के सरपंच का प्रस्ताव भी आवश्यक होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक गांव और उसके निवासियों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा तथा प्रशासनिक स्तर पर उनका उचित प्रतिनिधित्व होगा।
चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि ब्लॉक समितियों, विधायकों, नगर पालिकाओं, नगर निगमों और जिला उपायुक्तों की सिफारिशें प्राप्त होते ही मंत्रिमंडलीय उप-समिति नए जिलों, उप-मंडलों और तहसीलों के गठन पर निर्णय लेती रहेगी। यह प्रक्रिया राज्य में प्रशासनिक सुधार और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।