हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, अब प्रदेश की हर ढाणी तक पहुंचेगी बिजली, साथ इन सेवाओं का भी मिलेगा लाभ
Haryana News: हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को और अधिक सुलभ बनाने के लिए सरकार ने नई नीति के तहत ढाणी कनेक्शनों पर महत्वपूर्ण छूट दी है। राज्य के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने विधानसभा को बताया कि अब नए ढाणी कनेक्शनों के लिए, जहां लाइन की लंबाई 300 मीटर से अधिक तथा फिरनी से तीन किलोमीटर तक होगी, कुल लाइन लागत का 50 प्रतिशत तथा ट्रांसफार्मर की पूरी लागत निगम द्वारा वहन की जाएगी। इस नीति से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी तथा झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
विधानसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए अनिल विज ने बताया कि मौजूदा ढाणी कनेक्शनों को ए.पी. (कृषि पम्प) फीडर से आर.डी.एस. (ग्रामीण घरेलू आपूर्ति) फीडर तक स्थानांतरण की लागत पूरी तरह से लाभार्थी द्वारा वहन की जाती है।
हालाँकि, इसमें ट्रांसफार्मर की लागत शामिल नहीं है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ढाणी उन समूहों को माना जाएगा जहां कम से कम 10 घर हों और जिनमें शौचालय और रसोई की सुविधा हो। लेकिन यदि यह केवल एक ट्यूबवेल का कमरा है, तो इसे ढाणी की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
बिजली कनेक्शन के लिए सरकार का बड़ा फैसला हरियाणा सरकार की इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की पहुंच और भी बेहतर हो। इससे पहले किसानों और ढाणी-ढाणी में रहने वाले ग्रामीणों को बिजली कनेक्शन लेने के लिए भारी खर्च उठाना पड़ता था।
लेकिन अब सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल और सस्ता बनाने की पहल की है। इससे किसानों को सिंचाई, घरेलू उपयोग और अन्य जरूरतों के लिए निर्बाध बिजली मिल सकेगी।
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ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने यह भी कहा कि बिजली निगम को भी अपने खर्च और देनदारियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने होंगे। निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार होने के बाद अन्य बिजली संबंधी नीतियों पर भी पुनर्विचार किया जाएगा।
राज्य सरकार ने विद्युत वितरण प्रणाली को और अधिक कुशल बनाने के लिए स्मार्ट मीटरिंग, फीडर सेपरेशन और ग्रिड अपग्रेडेशन सहित कई योजनाएं शुरू की हैं।
गांव वालों को क्या फायदा होगा?
हरियाणा सरकार के इस निर्णय से उन ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी जो ढाणी क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन नहीं ले पा रहे थे। सरकार की इस पहल से अब किसानों और ग्रामीणों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे: लाइन लागत पर 50% अनुदान - जिन ढाणियों में बिजली लाइन 300 मीटर से अधिक लंबी होगी और फिरनी से तीन किलोमीटर दूर होगी, वहां लाइन की कुल लागत का 50 प्रतिशत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
ट्रांसफार्मर की पूरी लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी - किसानों और ग्रामीणों को ट्रांसफार्मर के लिए अलग से कुछ भी भुगतान नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि पूरी लागत बिजली निगम द्वारा वहन की जाएगी।
बिजली उपलब्धता में सुधार - इससे गांवों में निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे किसानों को सिंचाई और अन्य आवश्यक घरेलू कामों में मदद मिलेगी।
आर्थिक राहत - पहले बिजली कनेक्शन लेना काफी महंगा था, लेकिन इस नीति के तहत ग्रामीणों पर वित्तीय बोझ कम हो जाएगा।
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बिजली निगम की वित्तीय स्थिति सुधारने पर जोर हरियाणा सरकार बिजली निगम की वित्तीय स्थिति मजबूत करने पर भी जोर दे रही है। अनिल विज ने विधानसभा में कहा कि बिजली निगम को अपनी देनदारियों को पूरा करने तथा राजस्व संग्रहण को मजबूत करने की जरूरत है। राज्य सरकार ने बिजली चोरी रोकने तथा विद्युत वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इससे पहले हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या काफी गंभीर थी। ट्रांसफार्मर खराब होने या अधिक लोड होने के कारण अक्सर बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती थी। लेकिन अब ट्रांसफार्मरों की पूरी लागत वहन करने तथा लाइन विस्तार पर सब्सिडी देने के सरकार के निर्णय से समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है।
बिजली कनेक्शन पर जागरूकता बढ़ाई गई हरियाणा सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के महत्व पर जागरूकता अभियान भी चला रही है। किसानों और ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि वे किस प्रकार अपनी ढाणी कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकार की योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इसके अलावा, विद्युत विभाग ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को भी आसान बना रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बिना किसी परेशानी के अपने घर या खेत के लिए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकेंगे।