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Toll Tax Reduce: वाहन चालकों के लिए गुड न्यूज! अब टोल टैक्स में होगी 80 प्रतिशत की कटौती, हाईकोर्ट का आ गया फैसला

 
 
Toll Tax Reduce,

Toll Tax New Update: यदि आप सड़क टोल से चिंतित हैं तो यह खबर आपके लिए है। हाईकोर्ट ने खराब सड़कों पर अधिक टोल टैक्स वसूलने को लेकर सरकार को फटकार लगाई है। उच्च न्यायालय ने कहा, "यदि सड़कें जर्जर हालत में हैं, तो उन पर टोल वसूली यात्रियों के प्रति अनुचित है।" अदालत ने यह टिप्पणी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें एनएचएआई को आदेश दिया गया था कि यदि सड़क स्वयं जर्जर हालत में है तो टोल टैक्स की वसूली 80 प्रतिशत कम की जाए।

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कोर्ट ने कहा कि अगर सड़क निर्माणाधीन है और उसकी हालत ठीक नहीं है तो उस पर टोल टैक्स नहीं वसूला जाना चाहिए। पीठ ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि टोल अच्छी सड़क के लिए लगाया जाता है। अगर कोई समस्या है तो टोल क्यों वसूला जाए?मुख्य न्यायाधीश ताशी रबस्तान और न्यायमूर्ति एम.ए. चौधरी की पीठ ने कहा कि एनएचआई को राजमार्ग के पठानकोट-उधमपुर खंड पर मौजूदा टोल टैक्स का केवल 20 प्रतिशत ही वसूलना चाहिए।

टोल टैक्स में 80 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। पीठ ने एनएचएआई को इस हिस्से में लखनऊ और बान प्लाजा से टोल संग्रह में तत्काल प्रभाव से 80 प्रतिशत की कटौती करने को कहा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा सड़क की समुचित मरम्मत पूरी किए बिना शुल्क में पुनः वृद्धि नहीं की जाएगी।

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कोर्ट ने यह भी कहा कि इस राजमार्ग पर 60 किलोमीटर के दायरे से पहले कोई दूसरा टोल प्लाजा (टोल प्लाजा 60 किलोमीटर नियम) नहीं बनाया जाना चाहिए। यदि ऐसा कोई टोल प्लाजा बनाया गया है तो उसे एक माह के भीतर हटा दिया जाना चाहिए या स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर या लद्दाख में सिर्फ जनता से नोट कमाने के लिए टोल प्लाजा नहीं बनाए जाने चाहिए।

अदालत ने यह आदेश सुगंधा साहनी नामक महिला द्वारा दायर जनहित याचिका पर जारी किया। याचिका में उन्होंने लखनऊ, ठंडी खुई और बान प्लाजा से टोल वसूली पर आपत्ति जताई थी।

उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में सड़कों की हालत बहुत खराब है। तो फिर यहां से गुजरते समय यात्रियों को इतना भारी टोल टैक्स क्यों देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2021 से राजमार्ग का 60 प्रतिशत हिस्सा निर्माणाधीन है।

तो फिर पूरा टोल वसूलना कोई मतलब नहीं रखता। उन्होंने मांग की कि काम पूरा होने के 45 दिन बाद टोल वसूली शुरू होनी चाहिए। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की और टोल में 80 फीसदी कटौती का आदेश दिया। पीठ ने कहा, "अगर लोगों को राजमार्ग पर चलने में ही परेशानी हो रही है तो वहां टोल टैक्स वसूलने का कोई मतलब नहीं है।"

जस्टिस ने कहा कि टोल के पक्ष में तर्क यह है कि यदि जनता को अच्छी सड़क मिल रही है, तो उसकी लागत का कुछ हिस्सा वसूलने के लिए टोल लगाया जाना चाहिए। अगर ऐसी कोई सड़क ही नहीं है तो फिर फीस देने का क्या मतलब है?