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हरियाणा में इन परिवारों पर होगी बड़ी करवाई, सैनी सरकार ने दिया इस दिन तक का अल्टीमेट, जानें पूरी डिटेल 

 
 

Haryana News: हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र योजना (पीपीपी) एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका उद्देश्य राज्य के प्रत्येक परिवार की एक विशिष्ट पहचान बनाना और सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ सीधे पात्र लोगों तक पहुंचाना है। इस परिवार आईडी में प्रत्येक सदस्य का विवरण - नाम, आयु, आय, शिक्षा, नौकरी, मोबाइल नंबर आदि शामिल होता है और यह जानकारी डिजिटल प्रारूप में सहेजी जाती है।

जब किसी योजना (राशन कार्ड) (छात्रवृत्ति) (सरकारी योजना) या यहां तक ​​कि (नौकरी के लिए आवेदन) का लाभ उठाने की बात आती है तो ये पारिवारिक आईडी स्वचालित रूप से साबित कर देती है कि कौन इस योजना के लिए पात्र है और कौन नहीं। इस आईडी से पारदर्शिता बढ़ी है और नकल पर काफी हद तक अंकुश लगा है। लेकिन जैसे-जैसे सिस्टम अपडेट होता गया, कुछ चालाक लोगों ने इसका गलत फायदा उठाना भी शुरू कर दिया।

दिसंबर 2022 के बाद शुरू होगी गड़बड़

हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2022 में पारिवारिक आईडी के आधार पर बीपीएल सूची को अपडेट करना शुरू कर दिया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें राशन, छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी सुविधाएं सही तरीके से मिल सकें। हालांकि, कुछ धनी परिवारों ने इस प्रणाली की कमजोरी को भांप लिया और अपनी आय कम दिखाने के लिए एक से अधिक पारिवारिक पहचान पत्र बना लिए।

गांवों में तो स्थिति और भी गंभीर है। कई जगह देखने में आया कि एक ही छत के नीचे रहने वाले लोग अलग-अलग फैमिली आईडी बनवाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। किसी बेटे ने अपने परिवार पहचान पत्र में अपने माता-पिता को दर्शाया है तो किसी ने खुद को अलग तरीके से दर्शाकर बीपीएल सूची में नाम दर्ज करा लिया है।

बच्चों के नाम पर पारिवारिक पहचान पत्र

कुछ युवाओं ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के नाम पर खुद को बेरोजगार और आय विहीन बताकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया। उन्होंने अपने परिवार आईडी में माता-पिता का विवरण अलग कर दिया और अपनी आय को ‘शून्य’ कर दिया। इससे उन्हें (छात्रवृत्ति) (कोचिंग सहायता) और यहां तक ​​कि बीपीएल राशन कार्ड भी मिले।

कल्पना कीजिए कि 20-25 लाख रुपये वार्षिक आय वाले घर का एक लड़का सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है। दूसरी ओर, जो लोग वास्तव में गरीब हैं, वे अभी भी लाइन में खड़े हैं।

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सरकार ने पकड़ी ये बड़ी खामी

हरियाणा सरकार ने धोखाधड़ी पकड़ते ही कमर कस ली। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में पीपीपी प्रणाली की गहन समीक्षा शुरू की गई। परिवारों का पुनः मूल्यांकन करने तथा यह देखने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है कि परिवार आईडी में दर्ज विवरण सही हैं या नहीं।

जिन परिवारों ने गलत जानकारी देकर लाभ उठाया है, उन पर अब जुर्माना लगाया जा सकता है। सरकार सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत कर रही है और इसके लिए एआई आधारित ट्रैकिंग प्रणाली लाने की तैयारी कर रही है। अब बीपीएल कार्ड बनवाने से पहले परिवार पहचान पत्र में दी गई आय व संपत्ति की गहनता से जांच की जाएगी।

बीपीएल सूची की समीक्षा

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सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बीपीएल सूची में नाम जोड़ने के लिए अब केवल परिवार पहचान पत्र की ही आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि भौतिक सत्यापन और अन्य सरकारी अभिलेखों का मिलान भी करना होगा। इससे उन लोगों को बाहर रखा जाएगा जिन्होंने धोखाधड़ी से अपना नाम शामिल कराया है।

इससे उन गरीब परिवारों को राहत मिलेगी जो अब तक इस व्यवस्था के शिकार थे। राशन कार्ड से लेकर आवास योजनाओं और पेंशन योजनाओं तक, सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक सरकारी सहायता सही लोगों तक पहुंचे।