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राजस्थान में इन बिजली उपभोक्ताओं को होगा बड़ा नुकसान, जानें खास वजह 

 
 

Rajsthan News: राजस्थान में बिजली कम्पनियों की टैरिफ याचिका में प्रस्तावित प्रावधान से मुफ्त बिजली योजना में पंजीकृत नहीं होने वाले उपभोक्ताओं पर ज्यादा मार पड़ेगी। उन्हें 50 यूनिट के लिए 4.75 रुपये के स्थान पर 6 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। प्रति माह 150 यूनिट बिजली की खपत पर 6 रुपये प्रति यूनिट और 150 रुपये प्रति माह का फिक्स चार्ज लगेगा। वर्तमान में 50 यूनिट तक बिजली खपत पर 4.75 रुपए प्रति यूनिट तथा 51 से 150 यूनिट तक 6.50 रुपए प्रति यूनिट खर्च आता है।

नया पंजीकरण निषिद्ध है

भाजपा सरकार ने इस योजना के तहत नए पंजीकरण पर रोक लगा दी है। सरकार इन कम बिजली उपभोक्ताओं का बोझ नहीं उठाएगी। घरेलू श्रेणी में 1.7 मिलियन बीपीएल और आस्था कार्ड धारकों के स्लैब को मिला दिया जाएगा। सरकार पहले से ही विलय किये गये घरेलू स्लैब पर सब्सिडी दे रही है, इसलिए उनके बिलों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी।

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कृषि उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत, राज्य सरकार उठाएगी भार

कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 5.55 रुपये प्रति यूनिट है। इसे घटाकर 5.25 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव किया गया है। हालाँकि, कृषि उपभोक्ता बिलों का अधिकांश बोझ सरकार उठा रही है। ब्लॉक में बिजली लेने वाले किसानों से 745 रुपये प्रति एचपी बिल और 30 रुपये प्रति एचपी प्रतिमाह वसूलने का प्रस्ताव है। ब्लॉक में निर्धारित घंटों से अधिक समय तक कार्य करने वालों से 895 रुपये प्रति एचपी प्रति माह तथा स्थायी शुल्क 30 रुपये प्रति एचपी प्रति माह लिया जाएगा।

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उद्योगों को राहत

औद्योगिक श्रेणी में, एकाधिक ऊर्जा प्रभारों के स्थान पर विद्युत शुल्क की एकल दर लागू कर दी गई है। बड़े औद्योगिक और मध्यम श्रेणी में बिजली की दर बढ़ाकर 6.50 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। लघु श्रेणी के लिए भी दो के बजाय 6 रुपये प्रति यूनिट की दर प्रस्तावित है।