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किसानों के हुई बल्ले-बल्ले, गेहूं की कीमतों में आया तगड़ा उछाल, जानें सरकार का ऐलान 

 
 
गेहूं की कीमतों में आया तगड़ा उछाल

Haryana News: इस सप्ताह गेहूं बाजार में जबरदस्त उथल-पुथल देखी गई। सरकारी नीलामी (ई-नीलामी) शुरू होने से पहले, कीमतें इस तरह बढ़ रही थीं जैसे किसी ने रॉकेट लगा दिया हो। किसान मौज-मस्ती कर रहे हैं, कोई खुशी में लड्डू बांट रहा है तो कोई खेतों में खड़े होकर वीडियो बना रहा है कि अब उनके गेहूं का रेट भी ऊंचाई छूने लगा है।

दरअसल, मामला यह है कि सरकार ने स्टॉक लिमिट में ऐसी कटौती की कि व्यापारियों और मिल मालिकों के होश उड़ गए। दूसरी ओर, प्रसंस्करणकर्ताओं को 400 टन गेहूं खरीदने की अनुमति दी गई, जिसके कारण वे बिना सोचे-समझे गेहूं लूटने लगे। अब जब मांग बढ़ेगी तो कीमतें भी बढ़ेंगी। आइये जानें कि पूरा खेल कैसे रचा गया।

बुधवार को सरकारी ई-नीलामी में 4 लाख टन में से 3,99,940 टन गेहूं बिका। पिछले सप्ताह 3,00,000 टन में से केवल 2,93,110 टन ही बिका, जो मांग में भारी वृद्धि दर्शाता है। द रीज़न? सरकार ने प्रसंस्करणकर्ताओं को खरीद के लिए अधिक छूट दी है और मिल मालिक पहले से ही अवसरों की तलाश में थे।

अब सवाल यह है कि बिना गेहूं के आटा, मैदा और रवा कैसे बनाया जाए? बाजार में इनकी मांग तो थी ही, ऊपर से नीलामी में भी इनकी जमकर खरीद हुई। बस फिर क्या था, गेहूं के दाम तेजी से बढ़ने लगे और किसानों ने कहा, अब बाजार उनके हाथ में है।

आग लगने की अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है और अब सिर्फ अफवाहों (अफवाहों) का स्वाद ही बाकी रह गया है। बाजार में चर्चा थी कि इस बार गर्मी (Heatwave) तेज होगी, जिससे फसल प्रभावित होगी और पैदावार कम होगी. इसका मतलब यह है कि गेहूं की आपूर्ति कम हो जाएगी और कीमतें और बढ़ेंगी।

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इसके अलावा, एक और अफवाह यह भी फैली कि सरकार मार्च के बाद गेहूं की नीलामी बंद कर सकती है। अब जरा सोचिए, व्यापारियों और मिल मालिकों पर क्या बीती होगी जब सबको लगा कि सरकारी गेहूं का दरवाजा बंद होने वाला है? इसके बाद वे तुरंत खरीदारी करने निकल पड़े और गेहूं की कीमतें आसमान छूने लगीं।

हालांकि, सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बाजार में कहावत पुरानी है - जहां धुआं उठता है, वहां आग जरूर होगी।

स्टॉक लिमिट पर सरकार का हथौड़ा सरकार ने इस बार स्टॉक लिमिट में ऐसी कटौती की कि जमाखोर गुस्से में मोबाइल फेंकने लगे। पहले व्यापारी 1,000 टन तक गेहूं रख सकते थे, लेकिन अब उन्हें केवल 250 टन तक सीमित कर दिया गया है।

इसका मतलब साफ है: सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आप बहुत अधिक स्टॉक जमा करेंगे तो आपको नुकसान होगा। ये नियम मार्च 2025 तक लागू रहेंगे और इसका सीधा असर ये हुआ कि जैसे ही ये खबर आई, दिल्ली के बाजार में गेहूं का भाव तुरंत 100 रुपये किलो से नीचे आ गया।

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अब व्यापारी अपना स्टॉक बेचने में तेजी लाने लगे, जिससे बाजार में माल की आपूर्ति बढ़ गई। लेकिन कुछ व्यापारियों का कहना है कि सस्ती दरें लंबे समय तक नहीं रहेंगी क्योंकि मांग बनी रहेगी।

कितना गेहूँ बेचा जा रहा है?

इस बार सरकारी नीलामी में राज्यों के हिसाब से कीमतें कुछ इस प्रकार रहीं: उत्तर प्रदेश – ₹3,159 (सबसे ज्यादा), ₹2,958 (सबसे कम) हरियाणा – ₹3,335 प्रति क्विंटल राजस्थान – ₹3,029 प्रति क्विंटल कर्नाटक – ₹3,019 प्रति क्विंटल बिहार – ₹2,803 प्रति क्विंटल दिल्ली – ₹2,871 प्रति क्विंटल पंजाब – ₹2,610 प्रति क्विंटल इस हफ्ते सबसे ज्यादा गेहूं की बिक्री पंजाब (62,000 टन) और उत्तर प्रदेश (58,000 टन) में हुई।

आगे क्या होगा?

सप्ताह की शुरुआत में गेहूं का भाव 3,225 रुपये था लेकिन बुधवार को यह 3,300 रुपये तक पहुंच गया। फिर स्टॉक लिमिट में कटौती के बाद यह 50 रुपये गिरकर 3,250 रुपये पर आ गया।

शनिवार को बाजार थोड़ा बढ़कर 3,275 रुपये पर बंद हुआ और सोमवार को इसमें और तेजी आने की उम्मीद है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सरकार का अगला दांव क्या होगा?

कई व्यवसायी अब इस बात पर चिंतित हैं कि क्या सरकार एक और बड़ा झटका देगी। वैसे भी भारतीय बाजार में कुछ भी हो सकता है। बस इंतजार कीजिए और देखिए कि गेहूं की कीमतें आगे कहां जाती हैं।